समय के साथ थोड़ा ढल जाएं
जब आपका रिश्ता नया-नया होता है तो इसमें ढेरों औपचारिकताएं शामिल होती हैं. जैसे घंटों फोन पर बात करना, एक दूसरे का कुछ ज्यादा ही ख्याल रखना. डेट वगैरह पर समय पर न पहुंचने पर माफी मांग लेना आदि या किसी तरह से पटा लेना.
वक्त बीतने पर जब सामंजस्य बढ़ जाता है तब ये उम्मीद कम कर देना चाहिए. यहां पर इस रूप में ले लें कि इस रिश्ते में थोड़ा गाढ़ापन आने पर इन औपचारिकताओं को विशेष जरूरत नहीं रहे. ऐसी बातें भी दोनों ओर से हो सकती हैं.
दिल का सहारा भी लें
तारीफ सुनना हर व्यक्ति को अच्छा लगता है, लेकिन शुरू-शुरू रिश्ते की तुलना में जिम्मेदारियां बढ़ने के साथ यदि इसमें तीव्र गिरावट आने पर विशेष चिंतित न हों. ना ही शुरू की बातों को लेकर तानाकशी करें कि पहले तो ऐसा कहा करते थे अब क्या हो गया आदि. एक-दूसरे की तारीफ नहीं कर पाते या किसी चीज पर ध्यान देने के बजाय व्यस्तता का हवाला देते हुए कुछ चीजों पर ध्यान न जाए. इन चीजों को मुंह से कहने सुनने की बजाय यहां दिल का सहारा लें.
अपेक्षाएँ होती हैं अलग-अलग
शारीरिक आकर्षण तो एक प्राकृतिक लक्षण हैं जिससे कोई भी परे नहीं रह पाया है. हमारे समाज में कुछ नियमों को संस्कार का रूप दिया है जिसे कई बार युवा वर्ग अपनाने से मना कर देते हैं इसका मतलब ये नहीं को आप एक-दूसरे से सिर्फ शारीरिक आकर्षण के कारण जुड़े हैं. यदि आप इन नियमों का पालन करना चाहते हैं तो यह आप पर निर्भर करता है कि नाराज होने के बजाय प्यार से समझाएं. दैहिक संबंध से परे एक और चीज बहुत महत्वपूर्ण होती है वो है स्पर्श जो उसे प्रियतमा के दैहिक आकर्षण से परे अपनत्व का एहसास दिलाएगा.
एक-दूसरे को समझने की कोशिश करें
अपनी सारी भावनाएँ दूसरों के सामने जाहिर न करें. अगर उन्हें किसी बात से नाराजगी भी होती है तो वे उसे सबके सामने जाहिर न करें. इसका आप दोनों पर गलत प्रभाव पड़ सकता है. कई बार ऐसा भी होता है कि किसी छोटी-सी बात पर या बेवजह बहुत तेज गुस्सा आता है और ऐसी स्थिति में आपसी संबंधों में दरार पड़ने तक की नौबत आ जाती है.
अगर आप दोनों के संबंधों में कभी ऐसी स्थिति आए तो उसे सुधारने के मामले में आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है. इसलिए जिस समय आपके साथी को गुस्सा आ रहा हो तो उस वक्त आप उसे कुछ न कहें. बाद में जब उसका गुस्सा शांत हो जाए तब आप उसे प्यार से समझाएँ कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था. इसलिए बेहतर यही होगा कि आप अपने साथी को नाराज होने का मौका नहीं दें.
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